Ration Card Big News केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के अंतर्गत चल रही मुफ्त राशन योजना में एक अहम फैसला लेते हुए करीब 2.25 करोड़ अपात्र लाभार्थियों के नाम सूची से हटा दिए हैं। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले महीनों में चलाए गए व्यापक सत्यापन अभियान के बाद यह बड़ी कार्रवाई की गई। राज्यों को संदिग्ध लाभार्थियों की सूची भेजी गई थी, जिसके आधार पर सभी दस्तावेजों की जांच करके अंतिम निर्णय लिया गया।
पिछले पाँच महीनों में हटाए गए अपात्र नाम
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, पिछले चार से पाँच महीनों में करीब 2.25 करोड़ व्यक्तियों को राशन लाभार्थियों की सूची से बाहर किया गया है। सरकार का मानना है कि मुफ्त राशन योजना उन परिवारों तक ही सीमित रहे जो वास्तव में पात्र हैं। इसी उद्देश्य से राज्यों के साथ मिलकर एक बड़ा सत्यापन अभियान चलाया गया, जिसमें लाखों ऐसे नाम सामने आए जो योजना की शर्तों को पूरा नहीं करते थे।
कई जगह सूची में ऐसे लोग भी पाए गए जिनकी आर्थिक स्थिति सुधरी थी या वे अनजाने में वर्षों से सूची में बने हुए थे।
मुफ्त राशन योजना में क्या मिलता है?
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीब और पात्र परिवारों को हर महीने प्रति सदस्य पाँच किलो मुफ्त अनाज (गेहूं या चावल) उपलब्ध कराया जाता है। वहीं अंत्योदय परिवारों को कुल 35 किलो खाद्यान्न दिया जाता है।
हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में कई राज्यों की रिपोर्ट में ऐसे मामले सामने आए, जहाँ लाभार्थियों के पास:
- उच्च आय स्रोत
- चार पहिया वाहन
- कंपनियों में निदेशक पद
- आयकर दायरे में आने वाली आय
जैसी स्थितियाँ थीं, लेकिन फिर भी वे मुफ्त राशन ले रहे थे। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि ऐसे सभी अपात्र नाम हटाने से सिस्टम को अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनाया गया है।
राज्य सरकारों को सौंपा गया सत्यापन का जिम्मा
केंद्र सरकार ने संदिग्ध लाभार्थियों की प्रारंभिक सूची तैयार करके उसे राज्यों के साथ साझा किया। इसके बाद राज्य स्तर पर टीमों ने:
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- आय प्रमाण
- परिवार विवरण
- मृत्यु रिकॉर्ड
- जैसे दस्तावेजों का मिलान किया।
जांच के दौरान अनेक राज्यों में ऐसे लोगों के नाम सामने आए, जिनकी मृत्यु हो चुकी थी, लेकिन उनका राशन कार्ड अभी भी सक्रिय था। राज्य सरकारों ने ऐसे सभी मामलों को सूची से हटा दिया है ताकि अनाज का दुरुपयोग न हो।
राज्यों द्वारा तय किए जाते हैं पात्रता मानदंड
NFSA, 2013 के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों की 75% आबादी और शहरी क्षेत्रों की 50% जनसंख्या इस योजना के दायरे में आती है। यह कानून देश की लगभग दो-तिहाई जनसंख्या को खाद्य सुरक्षा प्रदान करता है।
लाभार्थियों की अंतिम पहचान करने का काम पूरी तरह राज्यों पर निर्भर होता है। समय-समय पर:
- नए पात्र लोगों को जोड़ा जाता है
- परिवार की जानकारी अपडेट की जाती है
- अपात्र व्यक्तियों के नाम हटाए जाते हैं
ताकि पूरी प्रणाली अद्यतन और पारदर्शी बनी रहे।
दो श्रेणियों में बांटे जाते हैं लाभार्थी
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत लाभार्थियों को मुख्य रूप से दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
1. अंत्योदय अन्न योजना (AAY) परिवार :- सबसे गरीब परिवार इस श्रेणी में आते हैं। इन्हें हर महीने कुल 35 किलो अनाज (चावल/गेहूं) दिया जाता है।
2. प्राथमिकता श्रेणी (PHH) :- इस श्रेणी में चिन्हित पात्र परिवारों के प्रत्येक सदस्य को 5 किलो अनाज मिलता है।
सरकार ने संसद में जुलाई माह में बताया था कि 81.35 करोड़ लक्षित आबादी के मुकाबले राज्यों ने अब तक 80.56 करोड़ लोगों को पात्र माना है। इससे स्पष्ट है कि सत्यापन का काम लगातार चल रहा है और समय-समय पर सुधार किए जा रहे हैं।
देशभर में 19 करोड़ से अधिक राशन कार्ड सक्रिय
वर्तमान में देशभर में 19 करोड़ से ज्यादा राशन कार्ड सक्रिय हैं। इनसे जुड़े लगभग 5 लाख उचित मूल्य की दुकानें पूरे भारत में संचालित होती हैं।
सरकार का कहना है कि अपात्र लाभार्थियों को हटाने से:
- वास्तव में जरूरतमंद परिवारों तक अनाज पहुँच सकेगा
- भ्रष्टाचार में कमी आएगी
- खाद्यान्न की बचत होगी
- वितरण प्रणाली और मजबूत बनेगी
विशेषज्ञों के अनुसार यह कदम उन लाखों परिवारों के लिए लाभकारी होगा, जो पात्र होने के बावजूद लंबे समय से सूची में जगह नहीं बना पा रहे थे।
अपात्र पाए जाने के प्रमुख कारण
सत्यापन के दौरान राज्यों ने अपात्र पाए जाने के कई प्रमुख कारण बताए, जैसे—
- लाभार्थी की आय निर्धारित सीमा से अधिक
- सरकारी कर्मचारी होना
- आयकर दाता होना
- वाहन मालिक होना
- परिवार के सदस्यों का दोहरी सूची में दर्ज होना
- मृत व्यक्तियों के सक्रिय कार्ड
- गलत जानकारी देकर कार्ड बनवाना
इन सभी स्थितियों में कार्ड रद्द कर दिया गया और अनाज वितरण बंद कर दिया गया।
लाभार्थियों के लिए सरकार की अपील
सरकार ने सभी राशन कार्ड धारकों से अपील की है कि वे समय-समय पर अपने:
- आधार विवरण
- मोबाइल नंबर
- परिवार के सदस्यों का अपडेट
- आय संबंधी दस्तावेज
सरकारी पोर्टल पर अपडेट करते रहें। इससे न केवल भविष्य में किसी भी प्रकार की समस्या से बचा जा सकेगा, बल्कि पात्रता की जांच भी सुचारू रूप से होती रहेगी।
निष्कर्ष: पारदर्शिता और वास्तविक लाभार्थियों पर ध्यान
केंद्र सरकार द्वारा किए गए इस बड़े कदम ने मुफ्त राशन योजना की पारदर्शिता को और भी मजबूत किया है। अपात्र व्यक्तियों को हटाने के बाद अब सच में जरूरतमंद परिवारों तक खाद्यान्न पहुँचने की पूरी संभावना बढ़ गई है।
सरकार का कहना है कि आगे भी सत्यापन अभियान नियमित रूप से चलता रहेगा ताकि किसी भी तरह का दुरुपयोग न हो सके और योजना अपना मूल उद्देश्य पूरा कर सके।
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