Pm Kisan Beneficiary 21th Installment प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जुड़े करोड़ों किसानों के लिए खुशखबरी आ गई है। आखिरकार वह दिन आ गया जिसका लंबे समय से इंतजार हो रहा था। आज 19 नवंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के कोयंबटूर से योजना की 21वीं किस्त जारी करेंगे। इस बार करीब 9 करोड़ किसानों के खाते में 2,000 रुपये की किस्त DBT के माध्यम से भेजी जाएगी। कुल मिलाकर सरकार लगभग 18,000 करोड़ रुपये जारी करेगी।
यह किस्त रबी सीजन की शुरुआत से पहले जारी की जा रही है, जिससे किसानों को बीज, खाद, कीटनाशक और अन्य महत्वपूर्ण कृषि जरूरतों के लिए आर्थिक मदद मिलेगी। इसी कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री South India Natural Farming Summit 2025 का शुभारंभ भी करेंगे, जिसमें करीब 50,000 किसान भाग लेंगे।
PM Kisan 21वीं किस्त: क्या है खास?
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत प्रत्येक योग्य किसान को हर साल 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता मिलती है, जिसे तीन किस्तों में बांटा जाता है। प्रत्येक किस्त 2,000 रुपये की होती है।
सरकार ने पुष्टि की है कि आज दोपहर 2 बजे तक किस्त किसानों के बैंक खाते में पहुंच जाएगी।
पिछली किस्तों की तुलना करें तो:
- अप्रैल–जुलाई 2025 में 9.71 करोड़ किसानों को भुगतान मिला था
- दिसंबर 2024–मार्च 2025 की 20वीं किस्त में 10.68 करोड़ किसानों को लाभ दिया गया था
इस बार लाभार्थियों की संख्या कम होने का कारण है—अपात्र किसानों को सूची से हटाना, जो योजना की पारदर्शिता और सही लाभार्थियों तक सहायता पहुँचाने का संकेत है।
किसानों की संख्या में कमी का कारण क्या है?
केंद्र सरकार ने पिछले कुछ महीनों से लाभार्थियों की गहन जांच शुरू की थी। इस दौरान पाया गया कि अनेक लोग योजना के पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं कर रहे थे।
सरकार ने ऐसे 7 लाख से अधिक अपात्र लोगों को सूची से बाहर किया है। इनमें आयकर दाता, उच्च पेंशनधारी, भूमिहीन व्यक्ति आदि शामिल हैं।
किन किसानों को नहीं मिलेगा लाभ? (नवीन पात्रता नियम)
पीएम किसान योजना के दिशा-निर्देशों में कुछ स्पष्ट श्रेणियों को अपात्र माना गया है। यदि आप इनमें शामिल हैं, तो आपको 21वीं किस्त का लाभ नहीं मिलेगा:
- आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले लोग इनकम टैक्स भरने वाले व्यक्ति इस योजना के दायरे से बाहर कर दिए गए हैं।
- सरकारी कर्मचारी केंद्र और राज्य दोनों के नियमित कर्मचारी (कुछ अपवादों को छोड़कर) लाभ नहीं ले सकते।
- संवैधानिक पदाधिकारी पूर्व या वर्तमान सांसद, विधायक, नगर निगम मेयर और अन्य निर्वाचित प्रतिनिधि योजना के पात्र नहीं हैं।
- 10,000 रुपये से अधिक पेंशन पाने वाले लोग उच्च पेंशनधारी इस योजना का लाभ नहीं ले पाएंगे।
- पंजीकृत पेशेवर डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, सीए तथा अन्य प्रोफेशनल इस श्रेणी में आते हैं।
- भूमिहीन व्यक्ति जिनके पास अपनी कृषि योग्य भूमि नहीं है, वे योजना का हिस्सा नहीं बन सकते।
यदि कोई व्यक्ति गलत तरीके से योजना का लाभ ले रहा है, तो सरकार राशि वापस लेने के साथ कानूनी कार्रवाई भी कर सकती है।
e-KYC अनिवार्य: बिना इसके नहीं आएगी किस्त
सरकार ने 21वीं किस्त के लिए e-KYC को अनिवार्य कर दिया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि लाभ केवल वास्तविक किसानों को मिले। e-KYC कराने के तीन विकल्प उपलब्ध हैं:
- OTP आधारित e-KYC :- PM Kisan पोर्टल या ऐप से आधार लिंक मोबाइल नंबर पर OTP डालकर।
- बायोमेट्रिक e-KYC :- नजदीकी CSC सेंटर या कृषि सेवा केंद्र के माध्यम से।
- फेस ऑथेंटिकेशन e-KYC :- PM Kisan ऐप के माध्यम से चेहरे की पहचान के साथ।
यदि आपका e-KYC अब तक पूरा नहीं हुआ है, तो किस्त आने की संभावना लगभग नहीं के बराबर है।
PM Kisan स्टेटस और लाभार्थी सूची कैसे चेक करें?
कई किसान यह जानना चाहते हैं कि उनका नाम लाभार्थी सूची में है या नहीं। ऐसी स्थिति में आप नीचे दिए गए सरल स्टेप्स का पालन करें:
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं :-pmkisan.gov.in पर विजिट करें।
- Farmers Corner में जाएं :- यहां ‘Beneficiary List’ पर क्लिक करें।
- अपनी लोकेशन चुनें :- राज्य, जिला, तहसील/ब्लॉक और गांव का चयन करें।
- रिपोर्ट प्राप्त करें :- ‘Get Report’ पर क्लिक करते ही पूरी सूची खुल जाएगी।
आप चाहें तो ‘Beneficiary Status’ सेक्शन में जाकर अपने आधार या रजिस्ट्रेशन नंबर से भी किस्त का स्टेटस देख सकते हैं।
योजना का संक्षिप्त इतिहास और उद्देश्य
पीएम किसान योजना फरवरी 2019 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को प्रत्यक्ष आर्थिक सहायता देना है, ताकि वे कृषि संबंधित खर्चों को आसानी से वहन कर सकें। यह एक 100% केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजना है। सालाना 6,000 रुपये सीधे किसानों के खाते में DBT के माध्यम से ट्रांसफर किए जाते हैं। अब तक सरकार 20 किस्तें जारी कर चुकी है, और आज 21वीं किस्त भी जारी हो रही है। इस योजना ने करोड़ों किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है।
कुछ राज्यों को पहले ही मिल चुकी है 21वीं किस्त
विशेष परिस्थितियों को देखते हुए उत्तराखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में 21वीं किस्त सितंबर 2025 में ही भेज दी गई थी। इन राज्यों में बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं से किसान बुरी तरह प्रभावित हुए थे, इसलिए सरकार ने राहत उपाय के रूप में पहले ही किस्त जारी की।
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